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हाथों में अधिक रेखाएं हैं तो जानिए क्या है इनका मतलब

कई बार आपने देखा होगा कि हाथों में बहुत कम रेखाएं होती हैं। हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार हाथ में जीवन रेखा, मस्तिष्क रेखा और हृदय रेखा सबसे प्रमुख होती हैं। कम रेखा का मतलब यह भी हो सकता है कि व्यक्ति के हाथ में तीन मूल रेखाएं ना होकर केवल एक या दो हों। ऐसे में हाथ में तीन और इससे कम होने के अलग-अलग परिणाम हो सकते हैं। यदि व्यक्ति बहुत अधिक सोचता है तो उसके हाथों में रेखाओं की संख्या भी अधिक हो सकती हैं। जो लोग मस्तिष्क से जुड़ा काम नहीं करते अथवा बेहद कम करते हैं तो उनके हाथ में रेखाएं भी कम होती हैं। हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार अधिक रेखा का मतलब अधिक चिंता और अधिक चिंता का मतलब अधिक दुखी। ऐसे में अधिक रेखाएं व्यक्ति को परेशानी भी देती हैं। 

यदि हाथ में केवल तीन रेखाएं हैं और तीनों की बनावट ठीक है, पर्वत ठीक है तो ऐसे लोगों का जीवन सरलता से चलता रहेगा। ऐसे लोगों को दूसरे लोगों का सहयोग मिलता रहेगा। ऐसे लोगों के हाथ में सूर्य रेखा नहीं हेाने के बावजूद सरकारी रेखा मिलने की संभावना रहती है। इसके उलट यदि व्यक्ति के हाथ में पर्वत का उभार ठीक ना हो तो ऐसे लोगों को जीवन में संघर्ष बढ़ जाएगा। ऐसे व्यक्ति जितना अधिक सोचेंगे, हाथ में रेखाएं भी उतनी दिखाई देने लगेंगी। कम रेखा होने का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि व्यक्ति जीवन में कुछ नहीं करेगा। कम रेखा होने से रेखाओं के दोष होने की संभावना भी कम होती है। ऐसे में यह अच्छा संकेत माना गया है। हालांकि यदि हाथ में रेखाओं की संख्या तीन से कम है तो यह शुभ लक्षण नहीं है। यदि जीवन रेखा नहीं है तो व्यक्ति को संघर्ष झेलना पड़ेगा। यदि मस्तिष्क रेखा नहीं तो वैचारिक स्थिति में संघर्ष करना पड़ता है। मस्तिष्क की सक्रियता हाथ में रेखाओं की संख्या को बढ़ाती है। जो लोग चिंतक प्रवृत्ति के होते हैं उनके हाथ में रेखाएं भी अधिक होती हैं।