लातेहार में मूलभूत सुविधाओं से महरूम है आदिम जनजाति समुदाय, राशन में भी भारी कटौती
गोपी कुमार सिंह/लातेहार
लातेहार : ज़िले में निवास करने वाले आदिम जनजाति समुदाय के ग्रामीणों को मूलभूत सुविधा भी मयस्सर नही हो पा रहा है। इन्हें मिलने वाले राशन में भी भारी कटौती की जा रही है।
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दरअसल, ज़िले के मनिका प्रखंड अंतर्गत कोपे पंचायत के परहिया टोला में निवास करने वाले ग्रामीणों को लॉकडाउन के समय से ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मिलने वाली राशन नहीं दिये जाने का मामला सामने आया है।

डाकिया योजना के तहत घर-घर उपलब्ध कराना है राशन
कोपे पंचायत के परहिया टोला में दर्जनों आदिम जनजाति समुदाय के लोग निवास करते हैं। आदिम जनजाति समुदाय के लोगों को डाकिया योजना (पीटीजी) के तहत घर-घर राशन उपलब्ध कराना है। लेकिन अधिकारी इस समुदाय के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
15 किलोमीटर दूर प्रखंड मुख्यालय लेने जाते हैं राशन
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मिलने वाले फ्री राशन में भारी कटौती कर उसका गबन किया जा रहा है। परहिया टोला में निवास कर रहे आदिम जनजाति समुदाय के लोगों के पास पीला राशन कार्ड है और इन्हें कार्ड के अनुसार 35 किलो राशन दिया जाना है। लेकिन प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लॉकडाउन के समय से मिलने वाली 35 किलो फ्री राशन का गबन कर लिया गया है। सबसे अहम बात यह है कि डाकिया योजना (पीटीजी) के तहत सभी आदम जनजाति समुदाय के लोगों को घर-घर राशन पहुंचाना है फिर भी इन्हें 15 किलोमीटर दूर प्रखंड मुख्यालय बुलाकर राशन दिया जाता है। उसमें से भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की राशन वितरण में भारी कटौती कर दिया जा रहा है।

क्या कहते हैं अधिकारी
इधर इस सम्बंध में सवाल पूछे जाने पर डीडीसी सुरेंद्र वर्मा भी जवाब से बचते हुए नजर आये। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि आदिम जनजाति को घर तक राशन पहुचाना है और इसका कड़ाई से पालन होना चाहिए।
चापाकल व जल मीनार लंबे समय से खराब
परहिया टोला में निवास करने वाले आदिम जनजाति समुदाय के ग्रामीणों को मिलने वाला राशन में तो भारी कटौती किया ही जा रहा है। इसके आलावा इन्हें शुद्ध पेयजल भी मुहैय्या नही हो पा रहा है। गांव में 2 वर्षों पूर्व लगा चापाकल व जल मीनार लंबे समय से खराब है। लिहाज़ा यहां रहने वाले आदिम जनजाति के लोग 2 किलोमीटर दूर जाकर नदी से पानी लाकर अपनी प्याश बुझा रहे है।

बीमारी का हो रहे शिकार
ग्रामीण बताते है कि नदी का पानी मटमैला होता है। जिसे पीने से कई तरह की बीमारियों से लड़ना पड़ता है।बावजूद सरकार, प्रशासन और जनप्रतिनिधि मामले को लेकर गंभीरता नही दिखा रहे है। परहिया टोला में निवास कर रहे है ग्रामीण कई अन्य परेशानियों का भी सामना कर रहे है।
मूलभूत सुविधा भी मयस्सर नहीं
दरअसल, परहिया टोला गांव में जाने के लिए सड़क की भी स्तिथि बदहाल है। जिससे लोगों को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कुल मिलाकर कहे तो यहां निवास करने वाले ग्रामीणों को मूलभूत सुविधा भी मयस्सर नहीं हो रहा है और इसे लेकर प्रशासन भी गंभीर दिखाई नही दे रही है।
जिला प्रशासन से लगायी गुहार
आदिम जनजाति समुदाय के ग्रामीणों ने सरकार एवं जिला प्रशासन से पूरे मामले की जांचकर संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही गांव में शुद्ध पेयजल और सड़क की सुविधा बहाल करवाने की गुहार लगाई है।
प्रखंड प्रमुख ने दिया आश्वासन
इधर प्रखंड प्रमुख प्रमिला देवी ने पूरे मामले से जिला प्रशासन को अवगत कराकर समस्या का समाधान करवाने का आश्वासन दिया है।
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