पलामू: सतबरवा में एक भी बालू घाट नहीं, मनमाने दामों पर बिक रही रेत
पलामू : जिले के सतबरवा में एक भी बालू घाट की बंदोबस्ती नहीं है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल( एनजीटी) की रोक के बावजूद प्रतिबंधित दिनों में हर रोज दर्जनों ट्रैक्टर से हजारों सीएफटी बालू का उठाव किया गया। इस दौरान ट्रैक्टर संचालकों द्वारा कृत्रिम बालू की किल्लत बताकर मनमाने तरीके से चौगुना दामों पर बालू बेचे गए।
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इस दौरान बालू से जुड़े संचालक, ट्रैक्टर ड्राइवर तथा मजदूर और अन्य लोगों को बुलाकर मोबाइल तथा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण से लिए गए फोटो को लूटकर जबरदस्ती डिलीट करा दिए जाते थे। नहीं मानने पर उसकी पिटाई भी की जाती है तथा ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश किए जाने का मामला प्रकाश में आते रहता है।
ट्रैक्टर संचालकों के दबंगई तथा धौस के चलते गांव के ग्रामीण निरीह बन जाते हैं और शिकायत थाना पुलिस के अलावा अन्य जगह पर नहीं कर पाते हैं। इधर सतबरवा के रैयत वर्तमान मेदिनीनगर निवासी विनीत कुमार सिंह उर्फ बाबू भाई ने फोटो को सोशल मीडिया पर अपलोड कर लोगों को जागरूक करने का अभियान चला रखा है।
इस दौरान उन्होंने जिला खनन पदाधिकारी समेत कई को जानकारी दी है। विदित हो कि 15 सितंबर को सतबरवा औरंगा नदी के सलैया घाट, फुलवरिया घाट, मानासोती, लेदवाखांड तथा हलुमाड़ के छेछानी घाट से दर्जनों ट्रैक्टर द्वारा बालू का उठाव हो रहा था।
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पीएम आवास के कई लाभुकों ने बताया कि एनजीटी लागू होने के दौरान दो से तीन हजार रुपए के दर से प्रति ट्रैक्टर बालू की खरीदी की। जबकि उस समय बाजार में 8 से 10 सौ रुपए प्रति ट्रैक्टर बालू की रेट है।
अंचलाधिकारी प्रशांत कुमार शाह ने बताया कि जानकारी के अनुसार सतबरवा में एक भी बंदोबस्त बालू घाट नहीं है। इधर के बालू की काला बाजारी विभिन्न घाटों पर ट्रैक्टर संचालकों द्वारा दबंगई तथा किसी को भी ट्रैक्टर के नीचे दबाकर मार डालने का प्रयास की भर्त्सना भाजपा, आरजेडी, कांग्रेस समेत भाकपा माले नेता कमेश सिंह चेरों ने निंदा की है।