Breaking :
||अब इस तारीख को पलामू आयेंगे बागेश्वर धाम सरकार, कार्यक्रम तय||झारखंड के नामी उद्योगपति रूंगटा के कई ठिकानों पर इनकम टैक्स का छापा||झारखंड कैबिनेट की बैठक में 27 प्रस्तावों को मिली मंजूरी, सामान्य वर्ग के छात्रों को भी मिलेगी छात्रवृत्ति, किसानों को धान खरीद पर अतिरिक्त बोनस||पलामू: हाइवा और बाइक की टक्कर में चालक की मौत, सवार घायल, शादी समारोह में शामिल होने जा रहे थे दोनों साढू||पलामू: दहेज लोभियों ने ले ली बिहार की बेटी की जान, ससुराल वालों पर केस दर्ज||कांग्रेस सांसद धीरज प्रसाद साहू के ठिकानों से मिला ‘कुबेर का खजाना’, नोट इतने कि मशीनों ने काम करना किया बंद||लातेहार: दहेज हत्या के आरोपी पति को 15 वर्ष सश्रम कारावास की सजा||झारखंड के नये मुख्य सचिव एल खियांग्ते ने पदभार संभाला, कहा- राज्य का सर्वांगीण विकास प्राथमिकता||15 दिसंबर से शुरू होगा झारखंंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र||लातेहार: आपात स्थिति में ‘शक्ति’ एप के जरिये महिलायें दर्ज करा सकती हैं शिकायत, महिलाओं के लिए है कारगर
Thursday, December 7, 2023
पलामू प्रमंडलबालूमाथलातेहार

समस्या का समाधान नहीं हुआ तो 31 जुलाई से फुलबसिया, आरा, चमातू कोयला खदान क्षेत्र के रैयत करेंगे आंदोलन

रामकुमार/लातेहार

आरा, चमातु, फुलबसिया के दर्जनों ग्रामीणों ने मुखिया के नेतृत्व में उपायुक्त को दिया आवेदन

लातेहार : बालूमाथ प्रखंड के फुलबसिया, आरा, चमातू के दर्जनों भू-रैयतों ने लातेहार उपायुक्त को अपनी 6 सूत्री मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है।

भूमि रैयतों का कहना है कि सीसीएल के मगध संघमित्रा द्वारा संचालित कोयला खदान क्षेत्र के रैयतों की बंदोबस्त भूमि पर विस्थापन नीति के तहत सीसीएल क्षेत्र में विकास की सुविधा दिए बगैर जबरन जमीन पर खनन कर रही है।

लातेहार की ताज़ा ख़बरों के लिए व्हाट्सप्प ग्रुप ज्वाइन करें

कहा कि यह जमीन हमारी रोजी-रोटी का जरिया है, अगर सीसीएल हमें बंदोबस्त भूमि के लिए नौकरी व मुआवजा नहीं देती है तो 31 जुलाई से हम रैयत हड़ताल करेंगे और सीसीएल का काम बंद कर देंगे। जिसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। आंदोलन के दौरान परिवहन सड़क, खनन और सीसीएल के किसी भी अन्य प्रकार के कार्य की अनुमति नहीं दी जाएगी।

आवेदन की कॉपी कई वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई है। इस परियोजना क्षेत्र में पीने का शुद्ध पानी नहीं है, अच्छा स्कूल नहीं है, चिकित्सा व्यवस्था नहीं है, यहां के लोगों को केवल धूल के कण मिल रहे हैं।

ज्ञापन दें आये दर्जनों विस्थापित रैयतों में रामनंदन साव, रवि प्रकाश, बालदेव साव, संदीप राम, बरतु गंझू, राम प्रवेश साव, रगबीर साव, ठुपा भगत, राजेन्द्र राम, खुसियाल साव, दिलेश्वर साव, मुकेश साव, रघुनंदन साव का का नाम शामिल है।