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बच्चों के खिलाफ यौन अपराध गंभीर मामला, 3 साल से लेकर मृत्यु दंड तक की हो सकती है सजा

रुपेश कुमार अग्रवाल/लातेहार

जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वाधान में आयोजित पोक्सो एक्ट-2012 पर जिला स्तरीय मल्टी स्टेकहोल्डर्स का परामर्श कार्यक्रम में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अखिल कुमार ने कहा- बच्चों के खिलाफ यौन अपराध एक बहुत ही गंभीर मामला, 3 साल से लेकर मृत्यु दंड तक की हो सकती है सजा

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लातेहार : जिला विधिक सेवा प्राधिकार लातेहार के तत्वाधान में नगर भवन में पोक्सो एक्ट-2012 पर जिला स्तरीय मल्टीस्टेक होल्डर परामर्श का आयोजन किया गया। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अखिल कुमार, उपायुक्त भोर सिंह यादव, पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन एवं जिला परिषद अध्यक्ष पूनम देवी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

इस मौके पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश लातेहार ने कहा 18 वर्ष से कम उम्र के बालक, बालिका के साथ यौन अपराध के रोकथाम हेतु प्रोटेक्शन ऑफ़ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफन्सेस (पोक्सो) एक्ट -2012 लागू किया गया है। बच्चों के साथ यौन अपराध काफ़ी गंभीर मामला है।

पोक्सो एक्ट में उल्लेखित अपराधों के लिए काफ़ी सख्त सजा का प्रावधान बनाया गया है। इस अधिनियम के तहत अपराधों के लिए 3 साल से लेकर आजीवन कारावास, मृत्यु दंड तक की सजा है। बच्चों के साथ यौन अपराध के कई मामले जानकारी के अभाव में तथा परिवार वालों का सहयोग नहीं मिलने के कारण थाने में दर्ज नहीं हो पाते हैं।

उन्होंने कहा कि ऐसे मामले की जानकारी मिलने पर परिवार एवं समाज के लोगों को अविलम्ब थाने में प्राथमिकी दर्ज कराना चाहिए ताकि अपराधियों के विरुद्ध क़ानूनी कारवाई हो। उन्होंने बताया कि पोक्सो एक्ट से सम्बंधित मामलों में पीड़ित का बयान काफ़ी महत्वपूर्ण होता है। लातेहार सिविल कोर्ट में वलनेरेबल विटनेस डिपोजिशन सेंटर खोला गया है। जिसमें पीड़ित का बयान दर्ज करने के लिए अलग कमरा है।

उपायुक्त लातेहार भोर सिंह यादव ने कहा शिक्षक एवं अभिभावक पोक्सो एक्ट के बारे जानें एवं इसके बारे छात्र-छात्राओं एवं बच्चों को बताएं। बच्चों के साथ कोई यौन अपराध होने पर ससमय प्राथमिकी दर्ज हो एवं पीड़ित का मेडिकल जाँच भी ससमय हो पाये। समाज की सजगता एवं तत्परता से क़ानून का सही तरीके से प्रवर्तन होगा।

आरक्षी अधीक्षक श्री अंजनी अंजन ने पुलिस पदाधिकारियों से कहा पोक्सो एक्ट से सम्बंधित मामलों में काफ़ी बारीकी एवं संवेदनशीलता के साथ अनुसंधान करें। अभियोजन को साक्ष्य एवं गवाह उपलब्ध कराएं ताकि अभियोजन सही तरीके से हो सके।

इसके पश्चात अमित कुमार स्पेशल जज (पोक्सो) ने पोक्सो एक्ट 2012 के विभिन्न प्रावधानों, उसमें वर्णित अपराधों एवं उसके लिए निर्धारित सजा के बारे विस्तारपूर्वक जानकारी दी।

पुलिस उपाधीक्षक डॉ कैलाश करमाली ने पोक्सो एक्ट से सम्बंधित अपराधों के अनुसंधान में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। साक्ष्य कैसे जुटाना चाहिए इस बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।

परियोजना निदेशक आईटीडीए विन्देश्वरी ततमा ने पोक्सो एक्ट से सम्बंधित अपराध के पीड़ित को दिये जाने वाले योजनाओं का लाभ तथा मुआवजा के बारे बताया।

सिविल सर्जन डॉ दिनेश कुमार ने पोक्सो एक्ट से सम्बंधित अपराध के पीड़ित के मेडिकल जाँच में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इस बारे में जानकारी दी।

कार्यक्रम का संचालन सचिव जिला विधिक सहायता प्राधिकार स्वाति विजय उपाध्याय ने की।

इस कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त सुरेंद्र कुमार वर्मा, अनुमंडल पदाधिकारी लातेहार शेखर कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी संतोष सिंह, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी रेणु रवि समेत जिले के प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारी उपस्थित थे।