नक्सलियों की मांद में सुरक्षाबलों का कब्जा, ग्रामीणों से आपसी तालमेल मजबूत करने में जुटे जवान
गोपी कुमार सिंह/गारू
लातेहार : नक्सलियों का सबसे सुरक्षित ठिकाना बूढ़ा पहाड़ पर सुरक्षा बलों ने कब्जा जमा लिया है। इसके लिए कुछ दिनों पहले कई दिनों तक सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया था। लिहाज़ा सुरक्षा बलों ने बूढ़ा पहाड़ से नक्सलियों को खदेड़ भगाया है। जिसके बाद सुरक्षा बल के जवान अब ऐसे गांव के ग्रामीणों से आपसी समन्वय को मजबूत करने में जुटे है। ताकि ग्रामीणों का झुकाव नक्सलियों के तरफ न होकर सुरक्षा बलों की तरफ बढ़े और वह सुरक्षा बल के जवान पर विश्वास करें।

नक्सलियों के मांद में सुरक्षाबलों का शिविर, ग्रामीणों में उत्साह
इसी कड़ी में नवाटोली में सुरक्षा बल के जवानों ने एक शिविर का आयोजन कर जरूरतमंद ग्रामीणों के बीच विभिन्न तरह की सामग्री का वितरण किया है। आपको जानकारी देते चले कि नवाटोली गांव बूढ़ा पहाड़ से सटा हुआ इलाका है। यह गांव नक्सलियों की चहलकदमी के हिसाब से काफी संवेदनशील माना जाता है। लिहाज़ा सरकार के द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ इस गांव के ग्रामीणों को नही मिल पा रहा था। लेकिन अब गांव के लोगो को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का भी बीड़ा सुरक्षा बलों ने अपने कंधे पर ले लिया है।

लातेहार एसपी के निर्देश पर किया गया शिविर का आयोजन
बता दे कि लातेहार एसपी अंजनी अंजन के निर्देश पर दीपावाली, छठ पूजा और बदलते मौसम को देखते हुए नवाटोली में विभिन्न प्रकार की सामग्री का वितरण ग्रामीणों के बीच किया गया है। शिविर के माध्यम से बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को कंबल, धोती, लुंगी, गमछा, साड़ी, पेटीकोट, बलाउज, चप्पल, टी शर्ट, कॉपी, स्लेट, पेन्सिल, इंस्ट्रूमेंट बॉक्स, कलर पेंसिल, पठन पाठन की सामग्री वितरित की गयी है। नवटोली में आयोजित शिविर में बारेसाढ़ थाना प्रभारी जमिल अंसारी, एसआई लालचंद बेदिया, रंजित कुमार यादव, नवाटोली सीआरपीएफ के सहायक समादेष्टा सुमित यादव, मो जफर अंसारी समेत काफी संख्या में जवान एवं ग्रामीण मौजूद थे।
गोलियों की तड़तड़ाहट से राहत, गांव के विकास कार्य की भी बढ़ी संभावना
एसपी के इस कार्य की ग्रामीणों ने सराहना करते हुए उनका अभार जताया है । ग्रामीणों ने कहा लंबे अर्शे से उनका यह गांव नक्सलियों के चंगुल में फंसा हुआ था। लेकिन अब सुरक्षा बलों की मदद से उनका गांव नक्सलियों के कब्जे में लगभग आजाद हो चुका है। यही कारण है कि सुरक्षा बल के जवान आसानी से इस गांव तक पहुच रहे है और ग्रामीणों की मदद कर रहे है।

तिसिया गांव की भी सूरत बदलने में जुटे सीआरपीएफ के जवान
इधर नव निर्मित तिसिया कैंप में भी विगत तीनो पूर्व सीआरपीएफ 218 बटालियन के कमांडेंट मोहम्मद खालिद खान के सौजन्य से भंडारे का आयोजन किया गया था। भंडारे में तिसिया गांव के ग्रामीण काफ़ी संख्या में शामिल हुए थे। सीआरपीएफ जवानों ने बूढ़ा पहाड़ इलाको को नक्सलियों के चंगुल से मुक्त कराने में अदम्य साहस दिखायी है। और अब ग्रामीणों के हर सुख-दुख में खड़े नजर आ रहे है वह क़ाबिले तारीफ है।
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