सरकारी राशि का बंदरबांट: मनिका में दो दर्जन से अधिक लाभुकों का नहीं बना पीएम आवास, बिचौलिये ने निकाल ली राशि
कौशल किशोर पांडेय/मनिका
आवास मित्र, स्वयं सेवक, प्रखंड समन्वयक, पंचायत सेवक और पदाधिकारी की मिलीभगत से हुआ खेल
लातेहार : मनिका प्रखंड में सरकारी राशि की लूट के लिए बिचौलियों को पूरी छूट मिल गयी है। प्रखंड में बिचौलिये इतना हावी हो गये हैं कि सरकारी राशि खुलेआम निकालकर गटक जा रहे हैं और पदाधिकारी मुकदर्शक बने रहते हैं।
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टूटे मिट्टी के घर में रहने को विवश है बुजुर्ग दंपत्ति
ऐसा ही एक मामला मनिका प्रखंड के रांकिकला पंचायत के रांकिकला गांव और मोहनटांड़ गांव से सामने आया है। जहां पीएम आवास योजना के लाभुक युगल भुइयां लगभग 80 वर्ष अपनी पत्नी के साथ एक टूटे मिट्टी के घर में जैसे तैसे गुजारा कर रहे हैं। जबकि उसे पीएम आवास दो वर्ष पूर्व मिला था।
बिचौलिया डेढ़ साल पहले निकलवा लिया पैसा
युगल ने बताया कि उसके पीएम आवास का सारा पैसा बिचौलिया जगजीवन राम ले लिया और कहा था कि घर बनवा देंगे। लेकिन आज तक घर नहीं बनाया। पैसा भी वापस नहीं किया। उसने बताया कि एक ही कमरे में हम लोग किसी तरह से गुजारा कर रहे हैं। बारिश होने के बाद हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कई बार जगजीवन से बोले लेकिन वह कुछ नहीं सुनता है।

नीव भी नहीं खुदा और निकाल ली गयी राशि
वहीं रांकिकला निवासी प्रदीप भुइयां का तो नीव भी नहीं खुदवाया गया और उसके पीएम आवास की सारी राशि निकाल ली गयी। सबसे अहम खबर है कि पीएम आवास योजना पूर्ण होने की रिपोर्ट भी जिला को सौंप दी गयी है। पीएम आवास के लाभुक किसुनमनिया कुंवर पति स्व बुधन भुइयां ग्राम मोहनटांड़ का भी नीव नहीं खुदाया और उसके सारे राशि निकाल लिए गए हैं।
पदाधिकारियों और कर्मियों की मिलीभगत से बिचौलिये ने कर ली निकासी
लाभुक कईल भुईयां मोहनटांड़, कमेश भुइयां रांकिकला, पीनू भुइयां रांकी कला, पृथी भुइयां रांकी कला, बुधन उरांव मोहनटांड़, सुरेश भुइयां मोहनटांड़, चरकु बैठा मोहनटांड़, रामलाल उरांव मोहनटांड़, रामचंद्र भुइयां मोहन टांड़, राजो कुंवर पति बुधन भुइयां मोहनटांड़, धनु भुइयां रांकीकला का पीएम आवास भी नहीं बन पाया है। जबकि सारी राशि पदाधिकारियों और कर्मियों की मिलीभगत से बिचौलियों ने गटक ली।
स्वयं सेवक जगजीवन राम अंगूठा लगवाकर कर ली निकासी
सभी लाभुकों ने बताया कि स्वयं सेवक जगजीवन राम उसका सारा पैसा अंगूठा लगवा लगवाकर निकलवाया है। लाभुक राजो कुंवर ने कहा कि पहले 40 हजार रुपए मिला था, जिसमें करीब 3 फीट का दीवार खड़ा किए। एक साल पहले जगजीवन राम ने 90 हजार रुपए निकलवा लिया और आज तक काम नहीं किया है।

लाखों रुपये का बदरबांट
डेढ़ दर्जन से अधिक पीएम आवास के लाभुकों का लगभग लाखों रुपए की राशि बिचौलियों ने बेखौफ निकाल ली।पदाधिकारी ने भी कोई संज्ञान नहीं लिया। संबंधित कर्मियों और अधिकारियों ने इस मामले में चुप्पी साध ली है।पीएम आवास की राशि का बंदरबांट हुआ और लाभुकों को ठेंगा दिखा दिया गया। उक्त संबंध में पूछे जाने पर जगजीवन राम ने कहा कि एक महीने का समय दीजिए सब बनवा देंगे।
क्या है भुगतान का नियम
पीएम आवास योजना के लाभुकों के स्थल चयन के पश्चात स्वयं सेवक जियो टैग करता है। उसके बाद लाभुक के खाते में पहली किस्त 40 हजार रूपए का भुगतान किया जाता है। लाभुक जब आवास को डोर लेबल तक जोड़ाई का काम कर लेते है। उसके बाद लाभुक का पुनः जियो टैग होता है और 85 हजार रुपए दूसरी किस्त भुगतान किया जाता है। बाद में छत होने पर जियो टैग होता है और तीसरी किस्त की भुगतान की जाती है। अब प्रश्न उठता है कि जियो टैग कैसे हुआ और किसका आवास दिखाकर राशि की निकासी कर ली गयी।
आवास पूर्णता का रिपोर्ट जिला को भेजा
कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार पीएम आवास लाभुकों का जिनका आवास आज तक नहीं बन पाया था, उसके पूर्ण होने का रिपोर्ट जिला को भेजकर वरीय अधिकारियों को भी गुमराह किया गया।
छत की जगह एस्बेस्टस लगा देते हैं बिचौलिये
सबसे पहले बिचौलिये पीएम आवास योजना के लाभुक से राशि आवास बनाने के नाम पर ले लेते हैं। काफी दिन बीत जाने के बाद छत की जगह एस्बेस्टस लगा कर आवास निर्माण का इतिश्री कर देते हैं।
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क्या कहते है एसडीएम
एसडीएम सह मनिका प्रखंड के वरीय पदाधिकारी शेखर कुमार ने कहा कि पीएम आवास में बिना बनाए राशि का निकालना अपराध है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच करायी जाएगी। उन्होंने कहा कि बिना पूर्णता के भुगतान करने वाले दोषियों पर दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी। बिचौलियागिरी पाए जाने पर एफआईआर दर्ज करायी जायेगी।