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मनिका: एंबुलेंस के अभाव में रात भर दर्द से तड़पता रहा आदिम जनजाति परिवार का बच्चा, दुर्व्यवहार का आरोप

कौशल किशोर पांडेय/मनिका

परिजनों ने 108 एंबुलेंस कर्मी पर लगाया दुर्व्यवहार का आरोप

लातेहार : मनिका प्रखंड के रांकीकला पंचायत के उच्चवाबाल गांव के आदिम जनजाति परिवार के राजकुमार परहिया 4 वर्ष पिता जैतून परहिया एंबुलेंस के अभाव में रात भर अस्पताल में दर्द से तड़पता रहा।

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राजकुमार परहिया के पिता ने बताया कि शनिवार की शाम 6:00 बजे मेरी बेटे का पैर टूट गया। जिसके बाद ग्रामीणों की सहायता से 108 एंबुलेंस को गांव में बुलाया। जिसके बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनिका इलाज के लिए लाया। जहां डॉक्टर के द्वारा प्राथमिक उपचार के बाद सदर अस्पताल डाल्टनगंज (पलामू) रेफर कर दिया गया।

इसके बाद पुनः 108 सर्विस सेवा पर108 एंबुलेंस के लिए कॉल किया। लेकिन एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो पाया। 108 कॉल सेंटर से यह कहा गया कि जो गाड़ी लगी हुई है। उसका नंबर बताईये। जब मनिका प्रखंड कार्यालय परिसर में लगे एंबुलेंस का नंबर लेने गया तो 108 एंबुलेंस के कर्मियों ने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया।

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एंबुलेंस कर्मियों ने कहा कि जहां मन करेगा हम गाड़ी वहीं ले जाएंगे। अभी नहीं जाएंगे गाड़ी खराब है। ज्यादा बोलेगा तो केस कर देंगे। जबकि मनिका अस्पताल में एक एंबुलेंस उपलब्ध है।

इस तरह बच्चे को डाल्टनगंज ले जाने के लिए एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं हो सका। आदिम जनजाति परिवार के लोगों के पास पैसा नहीं रहने के कारण हॉस्पिटल में रहे एंबुलेंस का उपयोग नहीं कर सके। चुकी हॉस्पिटल का एंबुलेंस का उपयोग करने में मरीज के परिजनों को तेल की व्यवस्था करनी पड़ती है।