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Monday, December 11, 2023
BIG BREAKING - बड़ी खबरगारूलातेहार

JJMP उग्रवादियों ने हस्तलिखित पर्चा जारी कर निर्माणाधीन पीएम आवास गिराने के आरोप को बताया निराधार

गोपी कुमार सिंह/लातेहार

लातेहार जिले के गारू प्रखंड अंतर्गत बहेराटोली में बीते शनिवार को लाभुक मोहनलाल उरांव की प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्माणाधीन मकान को तोड़ दिया गया था. इसमें प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन जेजेएमपी की संलिप्तता की बात सामने आई थी.

इधर जेजेएमपी ने हस्तलिखित पर्चा जारी कर इस घटना का खंडन किया है. जेजेएमपी संगठन के कर्मवीर जी ने पर्चा जारी कर कहा है कि गारू प्रखंड अंतर्गत बहेराटोली में जमीन विवाद के चलते गिराए गए मकान में जेजेएमपी संगठन की संलिप्तता का आरोप निराधार है.

आगे लिखा है कि सरकारी प्रावधान के आधार पर भूमि विवाद पर 144 धारा लगाई गई हैं. इसके बावजूद कुछ लोग जबरदस्ती घर बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

जेजेएमपी द्वारा जारी किए गए पर्चा में आगे लिखा है कि आम जनता और आला अधिकारियों से अनुरोध है कि मामले की ठीक से जांच कर उचित न्याय करें. क्योंकि यह जमीन विवाद वर्षों से चला आ रहा है.

गौरतलब है कि मोहनलाल अपनी जमीन पर पीएम आवास बना रहे थे, लेकिन गांव के जितेंद्र लोहरा उक्त जमीन पर दावा कर रहे थे. उन्होंने थाने और अंचल में आवेदन कर जमीन पर दावा किया था, लेकिन विभागीय जांच में जमीन पर मोहनलाल का दावा सामने आया. जिसे जितेंद्र ने मानने से इनकार कर दिया.

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इसके बाद प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बन रहे मकान को तोड़ा गया. जिसमें जेजेएमपी द्वारा घटना को अंजाम देने की बात सामने आई थी. जिसे जेजेएमपी ने एक पर्चा जारी कर खारिज कर दिया है.

मोहनलाल उरांव ने आरोप लगाया था कि जितेंद्र लोहरा द्वारा उग्रवादी संगठन जेजेएमपी से शिकायत करने के बाद यह घटना हुई.

इधर, जितेंद्र लोहरा के चाचा ने भी इस घटना को सिरे से खारिज किया है. जितेंद्र लोहरा के चाचा चमन लोहरा ने बताया कि सुरेश सिंह और मोहनलाल उरांव फर्जी दस्तावेजों के तहत अपनी जमीन पर दावा कर रहे हैं. जबकि उक्त भूमि पर हम अपने पूर्वजों से जोतकोड़ करते रहे हैं.

आगे बताया गया कि उक्त जमीन पर विवाद के चलते 144 लगाया गया है. बावजूद इसके मकान का निर्माण कार्य मोहनलाल ही करवा रहा था. जिसे किरण लोहरा ने ध्वस्त कर दिया था.

इस संबंध में किरण लोहरा ने कहा कि यह जेजेएमपी नहीं बल्कि मैंने खुद पीएम आवास को गिराया था. जबकि मारपीट का आरोप झूठा है. मोहनलाल उरांव के किसी सदस्य पर हमला नहीं हुआ है.

जितेंद्र लोहरा के चाचा चमन लोहरा का आरोप है कि मोहनलाल ने पैसे के आधार पर उक्त जमीन के फर्जी कागजात तैयार किए हैं. हालांकि गारू थाना पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है.


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