लातेहार में बाल विवाह के खिलाफ कैंडल मार्च, डीसी ने कहा- बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति, इसे रोकने में अपना योगदान दें
लातेहार : बाल विवाह से होने वाले दुष्परिणामों एवं इसकी रोकथाम के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए कलेक्ट्रेट परिसर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
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इस मौके पर उपायुक्त भोर सिंह यादव ने कहा कि लड़कियों की कम उम्र में शादी करने से उनकी पढ़ाई बाधित होती है और कम उम्र में मां बनने से उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि सरकार बाल विवाह को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने लोगों से अपील की कि अगर आपके पड़ोस में बाल विवाह हो तो उसे रोकने में अपनी भागीदारी दें।

उपायुक्त ने कहा कि बालिकाओं को शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ावा देने और बाल विवाह रोकने के लिए राज्य सरकार सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना चला रही है। उन्होंने कहा कि छात्राओं को इस योजना का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत छात्राओं को कुल 40000/- रुपये की राशि प्रदान की जाती है। आठवीं और नौवीं में पढ़ने वाली छात्रा को 2500-2500 रुपये, 10वीं, 11वीं और 12वीं में पढ़ने वाली छात्रा को 5000-5000 रुपये और 18 साल की उम्र पूरी होने पर 20000 रुपये एकमुश्त प्रदान किया जाता है।
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कार्यक्रम में जिला समाज कल्याण अधिकारी रेणु बाला ने उपस्थित लोगों को बाल विवाह की रोकथाम में अपनी भागीदारी देने की शपथ दिलायी। इसके बाद बाल विवाह के खिलाफ जन जागरूकता के लिए कलेक्ट्रेट परिसर से कैंडल मार्च निकाला गया।
मौके पर अपर समाहर्ता आलोक शिकारी कच्छप, अनुमंडल पदाधिकारी शेखर कुमार व जिले के अन्य पदाधिकारी, छात्र- छात्राएं व आमजन उपस्थित थे।