मंत्री मिथिलेश ठाकुर पर कार्रवाई के निर्देश, जानिए वजह
हेमंत सरकार के मंत्री मिथिलेश ठाकुर राज्य के तीसरे विधायक हैं जिनके खिलाफ कार्रवाई होने जा रही है. पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर की सदस्यता का मामला भारत निर्वाचन आयोग पहुंचा. भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से इस पर नियमानुसार कार्रवाई करने को कहा है. इसके साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग ने गढ़वा के उपायुक्त को कार्रवाई का निर्देश दे दिया है.
मंत्री मिथिलेश ठाकुर के खिलाफ विधानसभा चुनाव के समय ठेका कंपनी संचालित किए जाने का आरोप है. यह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा नौ ए का उल्लंघन है. यही मंत्री ठाकुर के खिलाफ शिकायत है. राज्य निर्वाचन आयोग ने डीसी को कार्रवाई को निर्देश देने के साथ ही कार्रवाई की जानकारी देने को भी कहा है. ताकि भारत निर्वाचन आयोग को कार्रवाई से अवगत कराया जा सके.
इस मामले के शिकायतकर्ता सुनील महतो हैं. इन्होंने शिकायत में बताया है कि विधानसभा चुनाव के दौरान मिथिलेश ठाकुर द्वारा भरे गए फार्म- 26 में इसका जिक्र है कि वे चाईबासा के सत्यम बिल्डर्स के पार्टनर हैं. यह कंपनी सरकारी ठेका लेने का काम करती है. विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी राज्य सरकार के साथ की गई कई संविदाएं अस्तित्व में थीं. सुनील महतो ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत उनकी सदस्यता रद करने की मांग की है.

इधर, कांके के विधायक समरीलाल भी कार्रवाई की दायरे में हैं. राज्यपाल रमेश बैस कांके विधायक समरी लाल की सदस्यता खत्म करने के मामले में भी भारत निर्वाचन आयोग से मंतव्य लेंगे. समरीलाल गलत जाति प्रमाण पत्र के मामले में कार्रवाई के दायरे में है. इससे अधिक आय से अधिक संपत्ति के मामले में विधायक बंधु तिर्की अपनी सदस्यता गंवा चुके हैं. इस तरह मंत्री मिथिलेश ठाकुर राज्य के तीसरे विधायक हैं जो कार्रवाई के दायरे में आ चुके हैं.
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