Breaking :
||लातेहार: अनियंत्रित बोलेरो पेड़ से टकरायी, एक घायल, गंभीर हालत में रिम्स रेफर||मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से मिले पलामू जिला के सरकारी कर्मचारी, पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए जताया आभार||मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे पलामू, डीसी व एसपी ने किया स्वागत||लातेहार: बालूमाथ में आयुष्मान मेला के नाम पर खानापूर्ति, एमबीबीएस डॉक्टर रहे गायब||लातेहार: बालूमाथ में मानवता हुई शर्मसार, अवैध संबंध से जन्मे नवजात को परिजनों ने झाड़ी में फेंका||गढ़वा में आयोजित सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा- झारखंड के नवनिर्माण के लिए पूरी ताकत के साथ काम कर रही राज्य सरकार||लातेहार: बालूमाथ में बालश्रम के खिलाफ चलाया गया अभियान, तीन बालश्रमिकों को कराया मुक्त||लातेहार: बालूमाथ के कबाड़ी दुकान में पुलिस ने मारा छापा, 25 टन अवैध लोहा लदा ट्रक जब्त||आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुए मंत्री मिथिलेश ठाकुर, साक्ष्य के अभाव में हुए रिहा||पलामू: भीषण सड़क हादसे में दो सगे भाइयों की दर्दनाक मौत, मुआवजे की मांग को लेकर सड़क जाम
Friday, December 1, 2023
झारखंडरांची

छठी कक्षा में चयनित छात्रों का नामांकन नहीं लेने पर हाईकोर्ट ने नेतरहाट विद्यालय को भेजा नोटिस

रांची : नेतरहाट आवासीय विद्यालय में छठी कक्षा में चयनित बच्चों का स्वास्थ्य जांच के बाद नामांकन नहीं होने के मामले में दायर याचिका पर शनिवार को झारखंड हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजेश शंकर की खंडपीठ ने सुनवाई की। याचिकाकर्ता की याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने नेतरहाट आवासीय विद्यालय को नोटिस जारी किया है इसके साथ ही मामले की सुनवाई 5 जनवरी 2023 को तय की गयी है।

लातेहार की ताज़ा ख़बरों के लिए व्हाट्सप्प ग्रुप ज्वाइन करें

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शुभाशीष रसिक सोरेन पेश हुए। मामले को लेकर सुमित राय समेत तीन अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

ज्ञात हो कि याचिकाकर्ता का नेतरहाट आवासीय विद्यालय में कक्षा छठी में नामांकन के लिए चयन किया गया है। नामांकन से पूर्व इन बच्चों का रांची सदर अस्पताल स्थित नेतरहाट आवासीय विद्यालय द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, जिसमें चिकित्सकों ने बताया कि इन बच्चों की उम्र 13 से 14 वर्ष प्रतीत हो रही है।

इसके आधार पर स्कूल ने इन बच्चों को दाखिला देने से मना कर दिया जबकि सरकार द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र में इन बच्चों की उम्र 12 साल से कम बतायी गयी है। याचिकाकर्ता बच्चों ने चयन होने के बाद स्कूल द्वारा नामांकन से इंकार करने को हाई कोर्ट में चुनौती दी है।