Breaking :
||बड़ा रेल हादसा: शालीमार से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त, 50 यात्रियों की मौत, 350 से अधिक घायल||पलामू: सतबरवा SBI शाखा में महिला से रुपये उड़ाने वाले संदिग्ध अपराधियों की तस्वीर आयी सामने, सहयोग की अपील||गुमला: मुठभेड़ में मारा गया 2 लाख का इनामी माओवादी एरिया कमांडर लाजिम अंसारी||लातेहार: बालूमाथ में यात्री बस डिवाइडर से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त, महिला समेत दो की मौत||JOB: लातेहार जिले में विशेष भर्ती कैंप का आयोजन, 450 पदों पर प्रशिक्षण के बाद होगी सीधी नियुक्ति||गुमला: शादी समारोह में शामिल होने आयी नाबालिग छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म||लातेहार: चंदवा में फंदे से लटका मिला नवविवाहित जोड़े का शव, एक माह पहले किया था प्रेम विवाह, दो दिन पहले प्रेमी के भाई ने भी कर ली थी ख़ुदकुशी||पलामू: पेड़ से लटका मिला नवविवाहित का शव, दो माह पहले किया था अंतर्जातीय प्रेम विवाह, लातेहार में है मायका||गुमला: सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया दो लाख का इनामी माओवादी राजेश उरांव||पलामू : सतबरवा SBI शाखा में पैसे जमा कराने आयी महिला से अपराधियों ने उड़ाए 84 हजार रुपये, घटना सीसीटीवी में कैद

मानव तस्करी की शिकार झारखंड की 2 लड़कियों को दिल्ली में कराया गया मुक्त

रांचीः मानव तस्करी की शिकार झारखंड के गोड्डा जिले की 2 बच्चियों को दिल्ली में मुक्त कराया गया है। आईआरआरसी द्वारा संचालित टोल फ्री नंबर 10582 पर गुप्त सूचना से यह पता चला था कि झारखंड के गोड्डा जिले की 02 बच्चियों को नई दिल्ली में बेच दिया गया है।

मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई कर रात्रि 11 बजे स्थानीय पुलिस की मदद से छापेमारी कर एक अपार्टमेंट से दोनों बच्चियों को सकुशल मुक्त करा लिया गया।

बता दें कि दोनों नाबालिग बच्चियों को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी में प्रस्तुत कर उनकी लगातार काउंसेलिंग की जा रही है। सूचना है कि नई दिल्ली में कुछ और बच्चियों को बेचा गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन में जिन लोगों को पकड़ा गया है, उनसे भी पूछताछ कर अन्य बच्चियों के बारे में जानकारी इकट्ठी की जा रही है।

टीम का नेतृत्व नोडल पदाधिकारी श्रीमती नचिकेता ने किया। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सभी जिलों को सख्त निर्देश दिया गया है कि जिस भी जिले के बच्चों को दिल्ली में रेस्क्यू किया जाएगा, उस जिले के जिला समाज कल्याण पदाधिकारी एवं बाल संरक्षण पदाधिकारी द्वारा उनके मूल जिले में पुनर्वास किया जाएगा।

गौरतलब है कि स्थानिक आयुक्त मस्तराम मीणा के निर्देशानुसार एकीकृत पुनर्वास-सह-संसाधन केंद्र, नई दिल्ली द्वारा लगातार दिल्ली के विभिन्न बालगृहों का भ्रमण कर मानव तस्करी के शिकार, भूले- भटके या किसी के बहकावे में फंसकर असुरक्षित पलायन कर चुके बच्चे, बच्चियां और युवतियों को वापस उनके गृह जिला भेजने की कार्रवाई की जा रही है।

इसे लेकर दिल्ली पुलिस, बाल कल्याण समिति, नई दिल्ली एवं सीमावर्ती राज्यों की बाल कल्याण समिति से लगातार समन्वय स्थापित कर मानव तस्करी के शिकार लोगों की पहचान कर मुक्त कराया जा रहा है। उसके बाद मुक्त लोगों को सुरक्षित उनके गृह जिला भेजने का कार्य किया जा रहा है। जहां उनका पुनर्वास किया जा रहा है।

दलालों के माध्यम से पलायन किये थे

दिल्ली में मुक्त करायी गईं बच्चियों को दलाल के माध्यम से लाया गया था। झारखंड में ऐसे दलाल बहुत सक्रिय हैं, जो छोटी बच्चियों को दिल्ली में अच्छी जिंदगी जीने का लालच देकर उन्हें दिल्ली लाते हैं और विभिन्न घरों में उन्हें काम पर लगाने के बहाने बेच देते हैं। इससे दलालों को मोटी रकम प्राप्त होती है और इन बच्चियों की जिंदगी नर्क से भी बदतर बना दी जाती है।

माता-पिता भी हैं जिम्मेदार

दलालों के चंगुल में बच्चियों को भेजने में उनके माता-पिता की भी अहम भूमिका होती है। कई बार ऐसा देखा गया है कि बच्चियां अपने माता-पिता, अपने रिश्तेदारों की सहमति से ही दलालों के चंगुल में जाती हैं।

मुक्त लोगों की होगी सतत निगरानी

समाज कल्याण, महिला बाल विकास विभाग के निदेशक छवि रंजन द्वारा सभी जिले को सख्त निर्देश दिया गया है कि झारखंड लाए जा रहे बच्चों को जिले में संचालित कल्याणकारी योजनाओं, स्पॉन्सरशिप, फॉस्टरकेयर, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय से जोड़ते हुए उनकी ग्राम बाल संरक्षण समिति (VLCPC)) के माध्यम से सतत् निगरानी की जाएगी, ताकि बच्चियों को पुन: मानव तस्करी का शिकार होने से बचाया जा सके। बच्चों को मुक्त कराने वाली टीम में एकीकृत पुनर्वास-सह- संसाधन केंद्र की परामर्शी निर्मला खालखो, राहुल कुमार एवं प्रिंस ने अहम भूमिका निभाई है।