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चतरा में आंदोलन हुआ उग्र, 8 वाहनों में लगा दी आग

Chatra Agitation

चतरा जिले के टंडवा इलाके में एनटीपीसी के खिलाफ पिछले 14 महीने से चल रहा आंदोलन अचानक हिंसक हो गया । पूरा इलाका रणक्षेत्र में बदल गया।

मिली जानकारी के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने कंपनी के गेट पर वाहनों का प्रवेश रोक दिया था । प्रबंधन ने मामले की जानकारी पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने आंदोलनकारियों को गेट छोड़कर जाने की हिदायत दी। इस बात पर आंदोलनकारी भड़क गए। पहले पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच कहा सुनी हुई। लेकिन इसके बाद विवाद और बढ़ गया। हालत मारपीट तक पहुंच गए। स्थिति को संभालने के लिए पुलिस ने आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज किया जिसके बाद भगदड़ मच गई जिसमे इसमें कई आंदोलनकारी घायल हो गए। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। भीड़ के हमले से बचने के लिए पुलिस भी हमलावर बन गई। प्रदर्शनकारियों को मौके से पर ही पीटा गया।

हंगामे में शामिल कुछ बदमाशों ने सड़क किनारे खड़े करीब 8 वाहनों में आग लगा दी । वहीं, पुलिस ने आंदोलनकारियों के टेंट उखाड़ दिए। कंपनी में लगे हाईवे और ट्रक भी जलकर राख हो गए। करीब दो घंटे तक दोनों ओर से हंगामा चलने के बाद पुलिस ने स्थिति को संभालने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। इसके बाद भीड़ मौके से तितर-बितर हो गई। बताया जा रहा है कि यह प्रदर्शन एनटीपीसी गेट के सामने पिछले 11 जनवरी से चल रहा था।

घटना की सूचना मिलने पर उपायुक्त अंजलि यादव और पुलिस कप्तान राकेश रंजन ने टंडवा पहुंच कर मौके का मुआयना किया। डीसी व एसपी ने ग्रामीणों व रैयतों से शांति बनाए रखने की अपील की. पुलिस ने करीब एक दर्जन बदमाशों को हिरासत में लिया है।

14 महीने पुराने इस आंदोलन में कई बार बातचीत भी हुई लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं निकला बताया जा रहा है कि आंदोलनकारी कंपनी प्रबंधन से मुआवजे की राशि में वृद्धि समेत कुछ और मांगों पर विचार करने का आग्रह कर रहे थे। लेकिन इसका कोई स्थायी समाधान नहीं निकल सका। इस बीच आंदोलन लंबे समय तक यह अहिंसक तरीके से चलता रहा। अचानक यह हिंसक हो गया। आंदोलनकारी का कहना है की कर रहे हैं कि हिंसा का सहारा लेकर आंदोलन को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। आंदोलनकारियों का कहना है कि किसी भी प्रदर्शनकारी ने वाहनों में आग नहीं लगायी है। बल्कि भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया है ।

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