Breaking :
||रिम्स में इलाज करा रहा कैदी शाकिब पुलिस को चकमा देकर फरार||लातेहार: स्कॉर्पियो व बाइक की टक्कर में घायल दोनों युवकों की रिम्स में इलाज के दौरान मौत||भाजपा प्रदेश कार्यालय में जश्न का माहौल, बाबूलाल मरांडी बोले देश में मोदी की गारंटी||धनबाद जेल में बंद पूर्व मेयर नीरज सिंह हत्याकांड के आरोपी अमन सिंह की गोली मारकर हत्या||पलामू की महिला विधायक पर सार्वजनिक मंच पर हेमंत सोरेन की टिपण्णी से भाजपा में आक्रोश, कहा- महिलाओं का सम्मान करना भूल गये हैं मुख्यमंत्री||अयोध्या श्रीराम मंदिर से आये पूजित अक्षत को झारखंड के सभी जिलों में भेजने की तैयारी||पलामू: हाइवा की चपेट में आने से बाइक सवार दो युवकों की मौत, सड़क जाम||लातेहार: बालूमाथ में स्कॉर्पियो और बाइक की टक्कर में दो बाइक सवार गंभीर रूप से घायल, रिम्स रेफर||पलामू: देवर ने भाभी को पीट-पीट कर मार डाला, पारिवारिक विवाद में दिया घटना को अंजाम, दो बेटों के साथ गिरफ्तार||लातेहार: मालगाड़ी की चपेट में आने से दो युवकों की मौके पर ही मौत
Monday, December 4, 2023
BIG BREAKING - बड़ी खबरझारखंडरांची

झारखंड में अधिवक्ताओं का कार्य बहिष्कार 10 जनवरी रहेगा जारी

रांची : झारखंड स्टेट बार काउंसिल के आह्वान पर शुक्रवार से चल रहा कार्य बहिष्कार 10 जनवरी तक जारी रहेगा। 10 जनवरी की शाम स्टेट बार काउंसिल की बैठक होगी, जिसमें आगे की रणनीति तय की जायेगी।

झारखण्ड की ताज़ा ख़बरों के लिए यहाँ क्लिक करें

काउंसिल सदस्य संजय विद्रोही व एके रसीदी ने बताया कि प्रदेश के अधिवक्ता मंगलवार तक न्यायिक कार्य से दूर रहेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा अधिवक्ताओं के हित को लेकर एकतरफा घोषणा की गयी है, इस घोषणा को सैद्धांतिक रूप में लागू किया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री द्वारा संवाद में की गयी घोषणाओं की जानकारी राज्य बार काउंसिल के पास नहीं है, यह केवल समाचार पत्रों में ही दिखायी देता है।

उन्होंने कहा कि इन घोषणाओं को निर्धारित समय सीमा में लागू करने के लिए मुख्यमंत्री को समय दिया जाना चाहिए था, ताकि अधिवक्ताओं को उनकी घोषणाओं पर विश्वास हो सके। बैठक में काउंसिल सदस्य राम शुभग सिंह, महेश तिवारी, एके चतुर्वेदी, नीलेश कुमार, महाधिवक्ता राजीव रंजन मौजूद नहीं थे।

इससे पूर्व रांची में राज्य बार काउंसिल की राज्य जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि अधिवक्ताओं के हित को ध्यान में रखते हुए अधिवक्ता 10 जनवरी तक न्यायिक कार्य से दूर रहेंगे। कोर्ट फीस वापसी को लेकर सरकार पर दबाव बनाने का फैसला लिया गया।