Breaking :
||धनबाद रेल मंडल में बड़ा हादसा, हाईटेंशन तार की चपेट में आने से छह लोग ज़िंदा जले, दो लातेहार व दो सतबरवा के सगे भाई शामिल||लातेहार: मनिका इलाके से TSPC के छह उग्रवादी हथियार के साथ गिरफ्तार||यात्रीगण कृपया ध्यान दें! बीडीएम सवारी गाड़ी के परिचालन पर फिर लगी रोक, 29 मई से शुरू होना था परिचालन, अब इस..||चतरा: TSPC के एरिया कमांडर समेत तीन उग्रवादी गिरफ्तार, विदेशी हथियार बरामद||पलामू: TSPC सुप्रीमो की पत्नी को लेवी के पैसे पहुंचाने जा रहे दो उग्रवादी गिरफ्तार||लातेहार: माओवादियों ने पुल निर्माण स्थल पर मचाया उत्पात, एक पोकलेन और चार ट्रैक्टरों में लगा दी आग||पलामू: बैंक में पैसा जमा करने जा रहे युवक से बदमाशों ने लूट लिये 63 हजार||पलामू: प्रेम प्रसंग में नाबालिग छात्रा हुई गर्भवती, गर्भपात की दवा खाने पर बिगड़ी हालत||आशुतोष कुमार लातेहार और बबलू कुमार बने चंदवा के थाना प्रभारी||पलामू में आर्केस्ट्रा के दौरान जमकर मारपीट, उप मुखिया ने भाजपा नेता सहित चार को दांतों से काटकर किया घायल

लातेहार: ग्रामीणों ने गांव में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के प्रवेश पर लगाई रोक, जानें क्या है वजह

राजीव मिश्रा/लातेहार

लातेहार : लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ अमर्यादित भाषा का प्रयोग से पूरा आदिवासी समाज आक्रोशित है। लातेहार जिले के कई गावों में तो आदिवासियों ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के गांव में प्रवेश पर भी रोक लगा दी है।

लातेहार की ताज़ा ख़बरों के लिए व्हाट्सप्प ग्रुप ज्वाइन करें

जिले के मनिका प्रखंड के जमुना गांव में कांग्रेसियों के खिलाफ वॉल राइटिंग की गई है। ग्रामीणों का कहना है कि अधीर रंजन चौधरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने व कांग्रेस से निकाले जाने तक नेताओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।

Latehar News

ग्रामीणों का कहना है कि जब तक दोषी नेता अधीर रंजन चौधरी को पार्टी से निष्कासित नहीं किया जाता, तब तक कोई भी कांग्रेसी नेता कार्यकर्ता को गांव में प्रवेश नहीं करने देंगे। इसके लिए ग्रामीणों ने गांव में कई जगह वॉल राइटिंग भी की है।

लातेहार की ताज़ा ख़बरों के लिए यहाँ क्लिक करें

लोगों का कहना है कि देश में पहली बार किसी आदिवासी महिला ने सर्वोच्च स्थान हासिल किया है। इससे जहां आदिवासी समाज को गर्व है, वहीं कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी राष्ट्रपति को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। यह देश के सर्वोच्च पद के साथ-साथ देश की जनता, लोकतंत्र और आदिवासी समाज का अपमान है।