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झारखंड: ऑनलाइन गेम में मिली हार से परेशान बच्चे ने कर ली खुदकुशी, माता-पिता हो जायें सावधान!

पश्चिमी सिंहभूम के चक्रधरपुर की रेलवे कॉलोनी में ऑनलाइन वीडियो गेम में हार से परेशान एक 14 वर्षीय नाबालिग बच्चे ने आत्महत्या कर ली। एस श्रीधर के बेटे एम शिवेन ने फांसी लगा ली। वह डीपीएस का आठवीं कक्षा का छात्र था। पिता एस श्रीधर चक्रधरपुर रेलवे में कार्यरत हैं। मां डीपीएस स्कूल में शिक्षिका हैं। घटना के वक्त दोनों अपनी-अपनी ड्यूटी पर थे।

बताया गया है कि वह बीमार था, इसलिए स्कूल नहीं गया। ऑनलाइन गेम में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इससे नाराज होकर उसने आत्महत्या करने का फैसला किया। एम शिवेन दो भाइयों में छोटे थे। परिजनों का कहना है कि वह हमेशा ऑनलाइन गेम खेला करता था। खेलते-खेलते वह कभी हंसता तो कभी उदास हो जाता। घरवाले उसे समझाते थे। लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि वह इतना बड़ा कदम उठा लेगा।

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बताया जाता है कि माता-पिता के ड्यूटी पर जाने के बाद शिवेन दरवाजा बंद कर वीडियो गेम खेल रहा था। घटना का पता तब चला जब दोपहर में उसके पिता श्रीधर दोपहर के भोजन के लिए घर पहुंचे। बेटे को दरवाजा खोलने के लिए बुलाया। काफी देर तक शोर मचाने के बाद भी जब दरवाजा नहीं खुला तो वे डरने लगे।

किसी तरह उन्होंने कमरे की खिड़की खोली तो कमरे में फंदे से लटके बच्चे को देख वह जोर-जोर से रोने लगे। पिता की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और दरवाजा तोड़ा। आनन-फानन में शिवेन को चक्रधरपुर के रेलवे अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मौके पर पहुंचे लोगों ने देखा कि वीडियो गेम चल रहा था।

इस घटना से माता-पिता गहरे सदमे में हैं, दोनों ही गमगीन हैं और कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं हैं। पुलिस मामला दर्ज कर घटना की जांच कर रही है।

ऑनलाइन गेम से बच्चे मानसिक रूप से हो रहे बीमार

टेक्नोलॉजी के बढ़ते दायरे के साथ बच्चों में ऑनलाइन गेम का चलन बढ़ा है, जिससे बच्चे डिप्रेशन में जाकर गलत कदम उठा रहे हैं। ऑनलाइन गेम से बच्चे मानसिक रूप से बीमार भी हो रहे हैं। माता-पिता को इन बच्चों के साथ समय बिताने की जरूरत है। उन्हें समझने की जरूरत है। जहां तक संभव हो बच्चों को मोबाइल से दूर ही रखें तो बेहतर होगा।