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झारखंड: मंडी शुल्क के विरोध में व्यापारियों की राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल स्थगित

झारखंड कृषि विधेयक 2022

रांची : झारखंड राज्य कृषि उपज एवं पशुधन विपणन विधेयक-2022 के खिलाफ चल रहा अनिश्चितकालीन धरना शनिवार को समाप्त हो गया है। शनिवार को मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव विनय चौबे और कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के साथ चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधियों समेत खाद्य कारोबारियों की बैठक हुई।

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कृषि मंत्री ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि बैठक सकारात्मक रही, जहां व्यापारियों के विरोध बिंदुओं पर चर्चा हुई। सरकार ने व्यापारियों को आश्वासन दिया है कि मांग बढ़ाने के लिए सकारात्मक पहल की जायेगी। सरकार कोई बीच का रास्ता निकालेगी। उन्होंने बताया कि कांग्रेस नेताओं सहित कई विधायकों ने कृषि मंत्री को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था। उधर, चेंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि आगे जो भी फैसला होगा, व्यापारी सरकार का सहयोग करेंगे।

इससे पहले शुक्रवार को व्यापारियों ने कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के आवास के बाहर धरना दिया, जहां कृषि मंत्री ने व्यापारियों को व्यापार के हित में निर्णय लेने का आश्वासन दिया था। हालांकि हड़ताल चौथे दिन भी जारी रही। हड़ताल 15 फरवरी से शुरू हुई, जहां राज्य भर में व्यापार और खाद्यान्न की आवक बंद कर दी गयी। शनिवार को व्यापारियों ने आधे दिन के बंद का ऐलान किया था। इसके साथ ही जगह-जगह प्रदर्शन भी किये गये। गौरतलब हो कि इस दौरान राज्य की 28 मंडियां बंद रखी गयी, जबकि 1.5 लाख व्यापारियों ने विरोध का समर्थन किया।

चेंबर ऑफ कॉमर्स ने व्यापारियों के आंदोलन का नेतृत्व किया। एक माह पूर्व राज्य सरकार को चेंबर द्वारा खाद्यान्न सेवा बंद करने की चेतावनी दी गयी थी। इससे पहले सदन की ओर से नेताओं, अधिकारियों, राष्ट्रीय नेताओं व अन्य स्तरों पर विधेयक पर हस्तक्षेप की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। लेकिन सरकार द्वारा बिल वापस नहीं लेने पर व्यापारियों ने आंदोलन शुरू कर दिया।

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