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वरिष्ठ माओवादी प्रवीण दा का बीमारी से मौत, नक्सलियों ने बताया अपूरणीय क्षति

रांची : भाकपा माओवादी दक्षिणी जोनल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य तमडांग पिंगुवा उर्फ़ श्याम सिंकू उर्फ़ प्रवीण दा (51) की लंबी बीमारी के बाद 9 जुलाई 2022 को मौत हो गई।

इस संबंध में दक्षिणी जोनल कमेटी के प्रवक्ता अशोक ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि प्रवीण दा की शहादत दक्षिणी जोनल कमेटी के लिए अपूरणीय क्षति है। विज्ञप्ति में बताया गया है कि प्रवीण दा 2006 से 2016 तक 10 वर्ष जेल की यातना काटने के बाद 2016 में रिहा हुए। इसके बाद उन्होंने पुनः पार्टी में योगदान दिया।

लेकिन जेल से निकलने के बाद उनके स्वास्थ्य में गिरावट आने लगी। बार-बार मलेरिया बुखार, एनकोलाइजिंग, स्पोंडिलाइटिस जैसी कई बीमारियों से ग्रसित रहने लगे। जिससे उनके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट आने लगी। इस दौरान उनका इलाज भी कराया गया। लेकिन वे ठीक नहीं हुए। वे बेहोशी की हालत में चले गए। बातचीत करना बंद कर दिया।

जिसके बाद 30 जून 2022 को बाहर शहरों के हॉस्पिटल में इलाज के लिए भेजा गया। वहां उनकी हालत में कुछ सुधार हुआ लेकिन होश नहीं आया। कई तरह के जांच भी हुए। इलाज चल रहा था। इसी बीच 9 जुलाई 2022 को अचानक उनकी सांसे रुक गई।

जारी विज्ञप्ति में बताया है कि हॉस्पिटल से उनके पार्थिव शरीर को दक्षिणी जोनल कमेटी एरिया में लाया गया और पार्टी के कार्यकर्ताओं, पीएलजी के कमांडरों, सैनिकों, स्थानीय संगठनों व जनमिलिशिया साथियों की उपस्थिति में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर श्रद्धांजलि दी गई व उनके जीवन पर प्रकाश डाला गया।

विज्ञप्ति में उनके परिजनों के प्रति संवेदना और सहानुभूति व्यक्त करते हुए बताया गया है कि श्याम सिंकू उर्फ़ प्रवीण दा का वास्तविक नाम तमडांग पिंगुवा था। उनका पैतृक गांव धनबाद में है। बाद में उनके पिताजी पश्चिमी सिंहभूम जिला के कुमारडूंगी थाना क्षेत्र अंतर्गत पोखरिया गांव में आकर बस गए थे।