Breaking :
||डॉ. कमलेश उरांव पर जानलेवा हमले के विरोध में झारखंड में कल से डॉक्टरों की हड़ताल, सरकारी और निजी अस्पतालों में कार्य बहिष्कार||लातेहार: बालूमाथ-हेरहंज-पांकी सड़क निर्माण के गुणवत्ता की खुलने लगी पोल, सड़क गड्ढे में तब्दील, बड़े हादसे को दे रही दावत||झारखंड में 23 सितंबर तक राजधानी रांची समेत राज्य के सभी हिस्सों में होगी बारिश||अब यात्रियों को मिली रांची-हावड़ा वंदे भारत ट्रेन की सौगात, 24 सितंबर को प्रधानमंत्री करेंगे उद्घाटन||लातेहार: नेतरहाट के पर्यटन स्थलों में चल रही योजनाओं को जल्द पूरा करने का डीसी ने दिया निर्देश||झारखंड: गबन मामले में सहायक अभियंता के खिलाफ मुख्यमंत्री ने दी अभियोजन की मंजूरी||JSSC करायेगा स्टेनोग्राफर परीक्षा, नोटिफिकेशन जारी||झारखंड: पत्नी की हत्या का आरोपी पुलिस हिरासत से फरार, छह पुलिसकर्मी निलंबित, SHO लाइन हाजिर||चार उपायुक्तों को मिली बढ़ते अपराध और नक्सली गतिविधियों पर नियंत्रण की शक्ति||पुलिस की मीडिया पॉलिसी को लेकर DGP ने जारी किया आदेश, अब मीडिया को ब्रीफ नहीं करेंगे पुलिस अधिकारी और थाना प्रभारी
Thursday, September 21, 2023
BIG BREAKING - बड़ी खबरझारखंडरांची

अब झारखंड के सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा में छह साल के बच्चों का ही होगा एडमिशन

रांची : सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा में सिर्फ छह साल के बच्चों का ही नामांकन होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के आलोक में नामांकन में अनिवार्य रूप से इसका अनुपालन किया जायेगा।

राज्य के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव राजेश शर्मा ने इस संबंध में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के निर्देश के बावजूद जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला शिक्षा अधीक्षकों को पत्र भेजकर इसे स्कूलों में लागू करने को कहा है। इससे पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के निदेशक ई नवीन निकलास ने राज्य के शिक्षा सचिव को पत्र भेजकर सभी राज्यों में नामांकन में एकरूपता लाने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति की व्यवस्था लागू करने को कहा था।

रांची की ताज़ा ख़बरों के लिए व्हाट्सप्प ग्रुप ज्वाइन करें

इसमें कहा गया कि 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पांच साल बाद और 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में छह साल बाद पहली कक्षा नामांकन लिया जा रहा है, जबकि सभी राज्यों में नामांकन में एकरूपता होनी चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति छह वर्ष की आयु के बच्चों को पहली कक्षा में नामांकित करती है।

झारखण्ड की ताज़ा ख़बरों के लिए यहाँ क्लिक करें

बता दें कि नीति में स्कूली कक्षाओं के लिए फाइव प्लस थ्री प्लस थ्री प्लस फोर की नई व्यवस्था दी गई है। इसके तहत पहले पांच साल में आंगनबाडी/प्री स्कूल/बाल वाटिका की तीन साल की पढ़ाई करनी होती है। कक्षा पहली से दूसरी कक्षा छह से आठ वर्ष के बीच, कक्षा तीन से पांच आठवीं से 11वीं वर्ष में, कक्षा छह से आठवीं 11वीं से 14वीं वर्ष में, कक्षा नौ से 12वीं 14वीं से 18वीं वर्ष में। केंद्र ने पिछले साल मार्च में राज्य सरकार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत इस व्यवस्था को लागू करने के निर्देश दिए थे।