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15 लाख के इनामी माओवादी दुर्याेधन महतो ने किया आत्मसमर्पण

रांची : प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी रीजनल कमेटी के सदस्य दुर्योधन महतो उर्फ मिथिलेश सिंह उर्फ बड़ा बाबू उर्फ बड़का दा ने शुक्रवार को रांची में पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। उस पर 15 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। वह गेंदनावाडीह, तोपचांची, धनबाद का रहने वाला है।

आला अधिकारियों के सामने किया सरेंडर

पुलिस के अनुसार ऑपरेशन नई दिशा से प्रभावित होकर मिथिलेश ने सरेंडर करने का मन बनाया था। इसके बाद पुलिस अधिकारियों के संपर्क में आया। इसके तहत उन्होंने रांची रेंज के आईजी कार्यालय में सरेंडर कर दिया। इस दौरान आईजी अभियान एवी होमकर, रांची रेंज के आईजी पंकज कंबोज समेत राज्य पुलिस व सीआरपीएफ के कई आला अधिकारी मौजूद रहे।

90 के दशक में माओवादी संगठन से जुड़ा

बताया गया है कि उत्तरी छोटानागपुर जोनल कमेटी के तहत उपरघाट, झुमरा पहाड़, विष्णुगढ़ और रामगढ़ के क्षेत्रों की कमान दुर्योधन के पास थी। वह 90 के दशक में छात्र संगठन से जुड़ने के बाद माओवादी संगठन से जुड़ गया था। समय बीतने के साथ संगठन में उसका कद बढ़ता गया। वर्ष 2001 में उसे झारखंड रीजनल कमेटी का सदस्य बनाया गया।

कई बड़े हमलों में रहा है शामिल

2013 में जेल से बाहर आने के बाद दुर्योधन ने संगठन से माफी मांगकर दोबारा ज्वाइन किया था। वर्ष 2018 में उसे फिर से झारखंड रीजनल कमेटी का सदस्य बनाकर जिलगा सबजोन की जिम्मेदारी दी गयी। मिथिलेश कई बड़ी वारदातों में शामिल रहा है। खासकर झुमरा पहाड़ पर बने सीआरपीएफ कैंप पर हमले और खासमहल के सीआईएसएफ बैरक पर हमला कर हथियार लूट की घटना में मिथिलेश का नाम सुर्खियों में आया था।

झारखंड के विभिन्न जिलों में 104 मामले हैं दर्ज

इसके अलावा वर्ष 2003 में चंद्रपुरा रेलवे स्टेशन स्थित थाने पर हमला कर करीब दो दर्जन हथियार लूटे लिए थे। मिथिलेश पर झारखंड के विभिन्न जिलों में 104 मामले दर्ज हैं। बोकारो में 58, चतरा में पांच, सरायकेला-खरसावां में चार, खूंटी में तीन, चाईबासा में दो, हजारीबाग में 26, धनबाद में एक और गिरिडीह में पांच मामले दर्ज हैं।

माओवादी दुर्योधन महतो सरेंडर