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पलामू: भांजे के प्यार में पागल मामी ने रची पति के हत्या की साजिश, दोनों गये जेल

पलामू : मेदिनीनगर पैराडाइज टेलर के मालिक मो. तौहीद आलम फायरिंग के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। घटना में तौहीद की पत्नी गौशिया परवीन, भांजा मो. इरसाद, मो. आरजू के अलावा जुमान, शूटर मंजर, बेलाल की संलिप्तता सामने आई है।

पुलिस ने मो. तौहीद की पत्नी गौशिया परवीन, भतीजा मो. इरसाद, मो. आरजू को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने तौहीद को लगी एक गोली और चार मोबाइल फोन बरामद किए हैं।

एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि 17 अगस्त की रात फायरिंग की घटना के बाद पुलिस जांच तेज कर दी गईथे। इस बीच इस मामले में मो. तौहीद आलम की पत्नी गौशिया परवीन और उनके भांजे मो. इरशाद के प्रेम प्रसंग की खबरें आई थीं।

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उनकी कॉल डिटेल चेक करने पर पता चला कि दोनों के बीच 1 हजार 40 व्हाट्सएप कॉल आई हैं। मामी और भांजे के प्रेम प्रसंग की जानकारी मो. तौहीद को भी थी। तौहीद अक्सर इसका विरोध करते थे। तौहीद और गौशिया से दो बच्चे भी हैं। इनकी उम्र 12 से 14 साल है।

उन्होंने बताया कि लगातार विरोध के चलते इरसाद और गौशिया ने मिलकर तौहीद को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया। इसमें मो आरजू, जुमान, मंजर, बेलाल आदि को शामिल किया गया है। इरसाद ने कांड करने के लिए 3.50 लाख की सुपारी दी थी। इसके लिए इरसाद को गोली खरीदने के लिए बाजार से कर्ज के रूप में ली गई रकम सुपारी के रूप में चुकानी पड़ी।

जांच में यह बात सामने आई कि आठ महीने पहले तौहीद को मारने के लिए सुपारी दी गई थी। पैसे लेने के बाद भी आरजू, जुमान, मंजर, बेलाल कांड नहीं कर रहे थे। इस पर इरसाद पैसे वापस मांग रहा था। नतीजा यह हुआ कि सभी ने हत्या करने की हामी भरी और 17 अगस्त की रात 17 अगस्त की रात दुकान से घर जाते समय ट्रेनिंग स्कूल के पास बाइक से पीछा कर पीछे से गोली मार दी।

पीठ में गोली लगने के बाद तौहीद घर चला गया जहां उसे गोली लगने का पता चला। इलाज के लिए एमआरएमसीएच पहुंचे और फिर बाद में शहर के एक निजी अस्पताल में अपना इलाज कराया।

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एसपी ने बताया कि मंजर ने तौहीद पर फायरिंग की थी। जबकि बेलाल गाड़ी चला रहा था। घटना में शामिल अन्य अपराधियों की तलाश की जा रही है।

इस कार्रवाई में शहर थाना प्रभारी सह निरीक्षक अभय कुमार सिन्हा, पी.एस. समीर तिर्की, जितेंद्र कुमार, टीओपी वन प्रभारी रेवाशंकर राणा, एस.एन. नवी अंसारी, तकनीकी विंग और सशस्त्र बल के जवान शामिल थे।