Breaking :
||जहां कभी लगती थी माओवादियों की जन अदालत आज वहां लग रही है सरकार की अदालत||अंतरराष्ट्रीय कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा- जो पुरुष परस्त्री के साथ घूमता है, वह नरक में जाता है||लातेहार: बालूमाथ में अज्ञात बीमारी से सात पशुओं की मौत, दो अन्य बीमार, मुआवजे की मांग||चीन में फैली रहस्यमयी बीमारी को देखते हुए रांची स्वास्थ्य विभाग ने शुरू की तैयारी, लोगों को दी सलाह||नेटबॉल प्रतियोगिता के विजेता खिलाड़ियों ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात||पलामू के TSPC एरिया कमांडर की रिम्स में इलाज के दौरान मौत||केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 30 को आयेंगे रांची||कटे-फटे कपड़े पहनना दरिद्रता की पहचान, सनातन की नहीं : देवकीनंदन ठाकुर||दिल्ली पुलिस ने फर्जी वेबसाइट के जरिये करोड़ों की ठगी करने के आरोपी को पलामू से पकड़ा||पलामू: शादी की सालगिरह पर पति का इंतजार कर रही महिला की तड़प-तड़प कर मौत
Wednesday, November 29, 2023
BIG BREAKING - बड़ी खबरझारखंडलोहरदगा

लोहरदगा में ACB की बड़ी कार्रवाई, BDO व कंप्यूटर ऑपरेटर घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार

लोहरदगा : लोहरदगा में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने बड़ी कार्रवाई की है। एसीबी रांची की टीम ने मंगलवार को किस्को प्रखंड मुख्यालय में छापेमारी कर किस्को प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) अनिल कुमार मिंज व 15वें वित्त आयोग के कंप्यूटर ऑपरेटर परमानंद झा को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया। किस्को प्रखंड में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम द्वारा की गयी छापेमारी के बाद हड़कंप मच गया।

बीडीओ 20 हजार रुपए और कंप्यूटर ऑपरेटर 5 हजार रुपए रिश्वत ले रहा था। दोनों को गिरफ्तार करने के बाद एसीबी की टीम अपने साथ उन्हें रांची ले गयी।

बताया गया कि पंचायत समिति प्रमुख के नवाडीह गांव में 249000 रुपये की लागत से नाला निर्माण का कार्य चल रहा है। जिसका अंतिम भुगतान के एवज में रिश्वत की मांग की गयी, जिसके बाद किस्को प्रखंड के उपप्रमुख अशफाक अंसारी एसीबी रांची कार्यालय पहुंचे और इसकी शिकायत की। जिसके बाद एसीबी ने 20000 रुपये की रिश्वत लेते हुए बीडीओ को पकड़ लिया।

जबकि कंप्यूटर ऑपरेटर को राशि के भुगतान के एवज में 5000 रुपये लेते पकड़ा गया। इसके बाद एसीबी की टीम दोनों को अपने साथ लेकर रांची चली गयी। इससे पहले एसीबी की टीम बीडीओ के आवास पर पहुंची और छापेमारी की। एसीबी से शिकायत करने वाले अशफाक अंसारी का कहना है कि उनके कार्यकाल में कई योजनाओं के भुगतान के एवज में उनसे राशि ली गयी, जिसके चलते उन्होंने अंतिम भुगतान में शिकायत की।