Breaking :
||लातेहार: घर में घुसकर नाबालिग लड़की से जबरन दुष्कर्म, आरोपी गिरफ्तार||लोहरदगा: माओवादियों ने सड़क निर्माण कार्य में लगी जेसीबी मशीन को फूंका, जांच में जुटी पुलिस||पलामू: नाबालिग बनी मां, स्वस्थ्य बच्ची को दिया जन्म, 46 वर्षीय पड़ोसी ने किया था दुष्कर्म||पलामू: जमीन विवाद में कलयुगी बेटे ने की पिता की हत्या, फरार||नाबालिग हिंदू लड़की को अमित बनकर प्रेमजाल में फंसाया, दो बार हुई गर्भवती||लातेहार: नहीं रहे पत्रकार मित्र कौशल किशोर पांडेय, सड़क हादसे में गयी जान||बड़ा रेल हादसा: शालीमार से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त, 50 यात्रियों की मौत, 350 से अधिक घायल||पलामू: सतबरवा SBI शाखा में महिला से रुपये उड़ाने वाले संदिग्ध अपराधियों की तस्वीर आयी सामने, सहयोग की अपील||गुमला: मुठभेड़ में मारा गया 2 लाख का इनामी माओवादी एरिया कमांडर लाजिम अंसारी||लातेहार: बालूमाथ में यात्री बस डिवाइडर से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त, महिला समेत दो की मौत

लोहरदगा में ACB की बड़ी कार्रवाई, BDO व कंप्यूटर ऑपरेटर घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार

लोहरदगा : लोहरदगा में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने बड़ी कार्रवाई की है। एसीबी रांची की टीम ने मंगलवार को किस्को प्रखंड मुख्यालय में छापेमारी कर किस्को प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) अनिल कुमार मिंज व 15वें वित्त आयोग के कंप्यूटर ऑपरेटर परमानंद झा को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया। किस्को प्रखंड में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम द्वारा की गयी छापेमारी के बाद हड़कंप मच गया।

बीडीओ 20 हजार रुपए और कंप्यूटर ऑपरेटर 5 हजार रुपए रिश्वत ले रहा था। दोनों को गिरफ्तार करने के बाद एसीबी की टीम अपने साथ उन्हें रांची ले गयी।

बताया गया कि पंचायत समिति प्रमुख के नवाडीह गांव में 249000 रुपये की लागत से नाला निर्माण का कार्य चल रहा है। जिसका अंतिम भुगतान के एवज में रिश्वत की मांग की गयी, जिसके बाद किस्को प्रखंड के उपप्रमुख अशफाक अंसारी एसीबी रांची कार्यालय पहुंचे और इसकी शिकायत की। जिसके बाद एसीबी ने 20000 रुपये की रिश्वत लेते हुए बीडीओ को पकड़ लिया।

जबकि कंप्यूटर ऑपरेटर को राशि के भुगतान के एवज में 5000 रुपये लेते पकड़ा गया। इसके बाद एसीबी की टीम दोनों को अपने साथ लेकर रांची चली गयी। इससे पहले एसीबी की टीम बीडीओ के आवास पर पहुंची और छापेमारी की। एसीबी से शिकायत करने वाले अशफाक अंसारी का कहना है कि उनके कार्यकाल में कई योजनाओं के भुगतान के एवज में उनसे राशि ली गयी, जिसके चलते उन्होंने अंतिम भुगतान में शिकायत की।