शिक्षा मंत्री के बिगड़े बोल, जिन्हें 1932 वाला डोमिसाइल पसंद नहीं वो पानी में कूदकर दे दें अपनी जान
शिक्षा मंत्री के बिगड़े बोल, जिन्हें 1932 वाला डोमिसाइल पसंद नहीं वो पानी में कूदकर दे दें अपनी जान। शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा है कि 1932 के खतियान आधारित स्थानीयता नीति अब विधानसभा में भी पास हो गया। इसका विरोध करने वालों को मुंहतोड़ जवाब दें। जिनको 1932 खतियान पर आधारित स्थानीयता, जिन्हें 1932 वाला डोमिसाइल पसंद नहीं वे पानी में कूद दे दें जान।
राज्य सरकार के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो अपने पैतृक गांव अलारगो के सिमराकुल्ही फुटबॉल ग्राउंड में ग्रामीणों द्वारा अभिनंदन समारोह के दौरान अपने सम्बोधन में बोल रहे थे। शिक्षा मंत्री श्री महतो ने वर्ष 1932 खतियान आधारित स्थानीयता में हक-अधिकार को खोरठा भाषा से अवगत करा बच्चों को पढ़-लिखकर नौकरी लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि आप सभी की दुआ से ही मुझे नया जीवन मिला है। मेरे द्वारा झारखंडियों को अधिकार एवं पहचान दिलाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ने के बाद हेमंत सोरेन सरकार में वर्ष 1932 खतियान आधारित स्थानीयता अब विस में भी पास हो गया। उन्होंने बताया कि 50 हजार शिक्षक बहाली में 37500 बहाली वर्ष 1932 खतियानधारियों बेटा-बेटी के लिए सुरक्षित होगा।
मंत्री श्री महतो व उनकी पत्नी बेबी देवी ने किया कंबल का वितरण
मंत्री श्री महतो व उनकी पत्नी बेबी देवी ने ग्रामीणों के बीच 500 कंबल का वितरण भी किया। ग्रामीणों द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह के दौरान बुजुर्ग महिला-पुरूष सहित सैकड़ों कि संख्या में ग्रामीण शामिल हुए। गट्टीगढ़ा कौशल विकास केंद्र की प्रशिक्षु छात्राओं ने पुष्प वर्षा कर अभिनंदन किया। झारखंड विस में वर्ष 1932 का खतियान आधारित स्थानीयता प्रस्ताव पारित होने एवं प्रदेश में नियोजन नीति के तहत झारखंडियों के लिए 75 फीसदी आरक्षण पर ग्रामीण खुश थे। इस अवसर पर प्रखंड अध्यक्ष सुभाषचंद्र महतो, सचिव बालमुकुंद महतो, लोकेश्वर प्रसाद महतो, डॉ डोमन ठाकुर, राजकुमार महतो, अखिलेश महतो, पूर्व मुखिया नकुल महतो, भुनेश्वर महतो, राजकिशोर पुरी, रामेश्वर शर्मा, सोनाराम हेम्ब्रम, सुनील टुड्डू आदि ने भी संबोधित किया। संचालन सुभाषचंद्र महतो ने किया। ज्ञात हो कि 11 NOV 2022 को आयोजित विधानसभा के विशेष सत्र में हेमंत सरकार ने 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति और 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण संबंधित विधेयक पास कराया। कुछ संशोधन प्रस्तावों के अतिरिक्त सरकार को विपक्ष का भी समर्थन मिला।
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